मधुबनी कला, जितवारपुर
इस कला का प्रमुख केन्द्र मधुबनी जिला (बिहार) का एक छोटा-सा गाँव (जितवारपुर है। परंपरा के अनुसार कला का यह रूप दीवारों पर चित्रित किया जाता है। इसका प्रयोग कोहबर में पौराणिक कथाएँ चित्रित करने के लिए किया जाता था। कोहबर अर्थात् दाम्पतिक कमरा जहाँ दूल्हा-दुल्हन शादी की रस्मों के पश्चात् ले जाये जाते हैं।
इस चित्रकारी में रामायण की कहानियों और अन्य हिन्दू देवी-देवताओं का भी बहुतायत में चित्रण किया जाता है। महासुंदरी देवी इसकी विख्यात कलाकार हैं।
मधुबनी चित्रकला की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
आरंभ में लोक साहित्य के पोथी चित्र बने, जिनमें चण्डीदास एवं विद्यापति की पुस्तक प्रमुख है। आगे चलकर बुद्ध जन्म, गणेश जननी, ताजमहल, शाहजहाँ की मृत्यु आदि शीर्षक से चित्र बनाए गए।