जैसा की आप सभी जानते हैं कि हिंदी साहित्य हिंदी माध्यम के छात्रों के बीच सबसे लोकप्रिय विषय रहा है।हिंदी साहित्य एक ऐसा विकल्प है जिसको लेकर आज ना जाने कितने छात्र IAS OFFICER बन गए,एक ऐसा दौर भी था की हिंदी माध्यम से जो भी TOP करता था उसका एक वैकल्पिक विषय हिंदी साहित्य ही होता था।धीरे धीरे जब हिंदी माध्यम से RESULT कुछ कम हुआ तो भी हिंदी साहित्य का क्रेज काम नहीं हुआ आज भी UPSC मे जितने भी छात्र हिंदी माध्यम से select होते हैं उसमे आधे से ज्यादा हिंदी साहित्य के होते है।इसी से आप हिंदी साहित्य की उपयोगिता समझ सकते हैं।
हिंदी साहित्य syllbus
खडः हिन्दी भाषा और नागरी लिपि का इतिहास
१‚अपभ्रंश अवहटृ और प्रारभिक हिन्दी का व्याकरणिक तथा अनुपयुक्त स्वरूप।
२‚ मध्यकाल में ब्रज और अवाधी का साहि्यिक भाषा के रूप में विकास।
३‚ सिद्ध एवं नाथ साहित्य ‚रहीम आदि कवियों और दखिनी हिन्दी में खडी बोली का प्रारंभिक स्वरूप।
४‚ उत्रीसवीं शताब्दी में खडी बोली ओर नागरी लिपि का विकास।
५‚ हिन्दी भाषा और नागरी लिपि का मानकीकारण।
६‚ स्वतंत्रता आन्देालन के दौरान राष्ट्र भाषा के रूप मे ह्दिी का विकास।
७‚ भारतीय संघ् की राजभाषा के रूप मे हिन्दी का विकास।
८‚ हिन्दी की प्रमुख बोलियँ और उनका परस्पर संबंध।
९‚नागरी लिपि की प्रमुख विशेषताएँ और उसके सुधार के प्रयास तथा मानक हिन्दी का स्वरूप।
१०‚ नागरी लिपि की प्रमुख विशेष्ताएँ और उसके सुधार के प्रयास तथा मानक हिन्दी का स्वरूप।
११‚ मानक हिन्दी की व्याकरणिक संरचना।
खंडः ख {हिन्दी साहि्त्य का इतिहास}
१‚ हिन्दी साहित्य की प्रासंगििकता और महत्व तथा हिन्दी सहि्त्य केक इतिहास – लेखन की परम्परा।
२‚ हिन्दी साहत्यि के इतिहास के निम्नलिखित चार कालों की साहिित्यक प्रवृतियॉ।
{क} आदिकालः सि्द् नाथ् और रासो साहित्य ।
प्रमुख कविः चंदबरदाई‚ खुसरों ‚हेम
[ख़] भक्ति कालः संत काव्य धारा‚ सफी काव्यधारा‚ कृष्णा भक्तिधारा औ राम भक्तिधारा। प्रमुूख कविः कबीर ‚ जायसी सूर ‚ख् और तुलसी ।
[ग] रीतिकानः रीतिकाव्य ‚रीतिबद्ध काव्य‚ रीतिमुक्त काव्य ।
प्रमुख कविः केशव ‚बिहारी पदमाकर और धनानंद।
[घ] आधुनिक कालः [क] नवजागरण ‚गध का विकास ‚भारतेन्दु मंडल {ख} प्रमुख लेखकः भारतेन्दु‚ बाल कृष्णा भट् और प्रताप नारायण मिश्र।
{ड} आधुनिक हिन्दी कवित की प्रख्य प्रवृतियॅ। छायावाद‚ प्रगतिवाद ‚प्रयोगवाद‚ नई कविता ‚नवगीत ‚ समाकालीन कविता और जनवादी कविता।
प्रमुख कविः मैथिलीशरण गुप्त ‚जयशंकर प्रसाद‚ सूर्यकान्त त्रिपाठी ‚निराला ‚महोदेवी वर्मा‚ रामधरी सिेह दिनकर‚ सचिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‚अज्ञेय ‚गजानन माधव मुक्तिबोध‚ नागार्जुन।
३‚कथा साहित्यः
{क} उपन्यास और यथार्थवाद
{ख} हिन्दी उपन्यासों का उद्रव और विकास
{ग} प्रमुख उन्यासकारः प्रेमचन्द‚ यशपाल ‚रेणु और भीष्म साहनी।
{घ] हिन्दी कहान का उद्रव औ विकास।
{ड} प्रमुख कहानीकारः प्रेमचन्दः जयशंकर प्रसाद ‚ सचिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ” अज्ञेय” मोहन राकेश और कृष्णा सोबतीै।
४‚ नाकटक् और रंगमंचः
{क} हिन्दी नाटक का उद्र्व और विकास
{ख} प्रमुख नाटककारः भारतेन्दु जयशंकर प्रसाद‚ नगदीश चंद्र माथुर‚ राकमुकाएरा वर्मा‚ मेाहन राकेश।
{ग} हिन्दी रंगमंच का विकासं।
५‚ आलोचनाः
{क} हिन्दी आलेचना का उद्रव और विकास – सैद्धारंतिक‚ व्यावहारिक‚ प्रगतिवादी ‚मनविश्रेल्षाणवादी आलोचना और नई समीक्षा।
{ख} प्रमुुख आलोचना – रामचन्द्र शुकूल ‚हजारी प्रसाद् द्वेदी ‚रामविलास शर्मा और नरेद्र।
६‚ हि्न्दी धग की अन्य वि्धाएँः ललित निबंध ‚रेखाचित्र ‚संस्मरण‚ या्त्रा वृन्तान्त।
प्रशन पत्र –२
इस प्रश्नपत्र में निर्धारित मूल पाटठयपुस्ताकों पढना अपेक्षित होगा और ऐसे प्रश्न पूछे जाएंगे जिनसे अभ्याथर्थी की आलेचनात्मक क्षामता की परीक्षा हो सके।
खडः क { पध सहित्य}
1‚ कबीरः कबीर गेंथवाली { आरभिक १०० पद} सं‚ श्याम सुन्दर दास
२‚ सरदासः भ्रमरगीत सार {आरभिक १़०० पद सं रामच्द्र शकुल
३‚तुलसीदासः रामचरित मानस {सुदर काण्ड} कवितावली { उतर काण्ड}
४‚ जायसीः पदमावत { सिंह और नागमती वियोग खंड } सं‚ श्याम सुन्दर दास
५‚ बिहारीः बिहारी रत्नारकार {आरभिक १०० दोह} सं‚ जगत्राथ दास रत्नाकार
६‚ मिथिलीशरण गुप्तः भारत भारती
७‚ जयशंकर प्रसादः कामयानी { चिता और श्रद्धा सर्ग}
८‚ सूर्यकान्त त्रिपाठी ‚निरालाः राग – विराग {राम की शक्ति पूजा और कुकुरमुता} सं‚ रामिविलास शर्मा
९‚ रामधारी सिहं ‚दिनकरः कुरूक्षेंत्र
१० अज्ञेयः आंगन के पार दारा { असाध्यवीणा}
११‚ मू्क्ति बोधः बहाराक्षस
१२‚ नागार्जुनः बादल को घिरते है‚ अकाल और उसके बाद ‚हरिजन गथा।ॽ
‚खडः {गध साहित्य}
१‚ भारतेन्दुः भारत दुर्दशा
२‚ मोहन राकेशः आषाढ का एक दिन
३‚ रामचन्द्र शुकूलतः चितामणि {भाग –१ ‚} { कविता क्या है श्रद्धा – भक्ति }
४‚ निबंध निलयः संपादकः डॉ‚ सत्ये्द्र्। बाल कृष्णा भटृ ‚प्रेमाचन्द गुलाब राय‚ हजारीप्रसाद ‚दिवेदी रामविलास शर्मा ‚अज्ञेय ‚कुबेरनाथ राय।
५‚ प्रेमचेदः गोदान ‚’ की सर्वश्रे्ष्ठ कहानियाँ { सपाकदकः अमृत राय}
६‚ प्रसादः स्कद्र्गुप्त
७‚यशपालः दिव्या
८‚ फणीश्ररनाथ रेणुः मैला आंचल
९‚ मत्रू भण्डारीः महोभोज
१०‚ राजेन्द्र यादव {स‚}ः एक दुनिया समानान्तर { सभी कहानियाँ।