दोस्तों आप जानते है कि हमारा blog आपकी exam यात्रा में आपको अधिक से अधिक मदद करना चाहता है इसलिए ही हमारी कोशिश रहती हैं कि आपको हम कुछ ऐसी बातें बताते रहें की आप को जल्दी से जल्दी सफलता हासिल हों। आज हमारा topic है प्रैक्टिस सेट।
क्या हैं प्रैक्टिस सेट
प्रैक्टिस सेट एक प्रकार का मॉडल question paper होता है,जब हम मॉडल question paper अपने room मे सॉल्व करते हैं और उसी प्रकार से जैसे एक छात्र एग्जामिनेशन हॉल में करता है तो उसको एग्जाम देते समय कुछ नया प्रतीत नहीं होता है प्रैक्टिस सेट हमको प्रत्येक exam के लिए लाभदायक है।चाहे एग्जाम UPSC, STATE CIVIL SERVICE, SSC या अन्य कोई भी हो। प्रैक्टिस सेट prelims और mains दोनो के लिए लाभदायक होता है। जैसा कि आप सभी जानते है कि किसी भी कार्य को करने मे जो महारत हासिल होती हैं वो कभी भी तुरंत नही होती हैं उस के हमको बहुत मेहनत करनी पड़ती हैं और मेहनत का कोई दूसरा विकल्प नहीं है इसी मेहनत का ही दूसरा रूप एक student के लिए है प्रैक्टिस सेट।बचपन में भी आप सभी को याद होगा कि school मे भी हम सब के test हुआ करते थे जो आपके teachers लिया करते थे और जितने ज्यादा test हम स्कूल में अपने exam se पहले दे दिया करते थे उतने ही हमारे exam अच्छे हुआ करते थे और exam से पहले का भय भी नहीं रहता था। क्यों कि जो questions हम test मे solve करते थे उनमें से ही कुछ एग्जाम में आ जाते थे और कुछ उनसे मिलते जुलते आ जाते थे जिस कारण हमारे मार्क्स भी exam में अच्छे आते थे।ये बातें हम आपको इसलिए ही बता रहे हैं कि आप प्रैक्टिसेट का महत्व समझ सकें।जैसा की बचपन में जब हम cirket खेलते थे तो मैच शुरू होने से पहले 2 -4 बॉल ऐसे ही खेलते थे ताकि कुछ practice हो सके ।आज भी जब international series शुरू होती हैं तो पहले practice match bhi होते है क्यों कि टीम जब दूसरे देश में खेलने जाती हैं तो वहां के वातावरण में ढलने के लिए वो पहले practice match खेले के अपने को उस माहौल के लिए तैयार करते है।ऐसे ही जब student practice set अपने रूम में ही solve कर लेंगे तो एग्जामिनेशन हॉल मे जाकर उनको कुछ भय नहीं रहेगा।
Practice set को लेकर एक बात हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि मॉडल papers किसी अच्छे पब्लिकेशन हाउस के हो।questions का कुछ स्तर हो ,ऐसा ना हो कि मॉडल पेपर्स बहुत ही आसानी से सॉल्व हो और आपको लगे की अरे मेरी तैयारी तो बहुत ही अच्छी है।
practice set सॉल्व करने के भी कुछ नियम है आप बिल्कुल examination hall की तरह की कुर्सी मेज का इस्तेमाल कीजिए और ⌚ घड़ी को अपने पास रखिए और यदि आप किसी भी exam के प्रीलिम्स की तैयारी कर रहे हैं और आपका exam two hours का है तो आप भी अपने घर में ???? two hours बिल्कुल एग्जाम हॉल की तरह बैठ जाएं और पूरी ईमानदारी के साथ प्रैक्टिस सेट सॉल्व करे और जब अपने solved practice set का मूल्यांकन करे, अर्थात उसको ✔️ चेक करें तो भी पूरी ईमानदारी बरते ऐसा ना हो कि आप गलत क्वेश्चन को भी सही माने कि अरे पहले तो मे इसी पर राइट कर रहा था या ये सोचे कि मै तो इसका answer जानता हूं इसलिए मे इसको सही मे count कर लेता हूं।अगर आप ऐसा करते हैं तो आप अपने आप को खुद ही धोखा देंगे।बहुत से छात्र अपने प्रैक्टिस सेट का मूल्यांकन करते समय बिल्कुल भी ईमानदारी नही बरतते और परिणाम होता है कि प्रैक्टिस सेट में तो उनके अच्छे खासे questions सही हो जाते हैं और examination hall में जब एग्जाम देने बैठे तो परिणाम उल्टा ही निकलता है।इसलिए हम आपसे कहना चाहते हैं कि ईमानदारी बरते इस से आपको ही फायदा होगा ।दूसरी बात ये कि जब आप प्रैक्टिस सेट solve करे तो आप कोशिश करे कि माहौल भी एक दम examination room जैसा हों आप आलस को त्याग दे ऐसा ना करें कि आधा सेट एक बार मे solve करे और आधा बाद मे या बीच बीच मे उठ रहे हैं या सो गए फिर उठ के सॉल्व कर लिया या किसी का answer देख लिया या बैठने के बजाय लेट के solve कर रहे हैं।ऐसा करने से आप सही मूल्यांकन नहीं कर पाएंगे।हमेशा याद रखें कि एक standard practice set आपकी सफलता मे बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता हैं।जिन छात्रों की speed थोडी कम हैं और अक्सर उनका पेपर आते हुए भी कुछ क्वेश्चन हमेशा रह जाते हैं ऐसे स्टूडेंट्स के लिए तो practice set सॉल्व करना बहुत ही जरूरी हैं।इस से उनकी speed बढ़ेगी और examination hall मे उनका पेपर पूरा होने लगेगा ।ऐसा भी संभव है कि कुछ मिलते जुलते questions जो आपने प्रैक्टिस सेट में solve किए हैं वही आपकी परीक्षा में आ जाए। तो आप उनको बहुत ही आसानी से सॉल्व कर जायेंगे।
कोशिश करे कि माहौल एग्जामिनेशन हॉल जैसा हों।
जैसा कि आप सभी जानते है कि ज्यादातर objective exam 2 hour’s का होता है आप जब प्रैक्टिस सेट सॉल्व करे तो कुर्सी मेज का इस्तेमाल करें घड़ी में 2 घंटे का अलार्म लगाए और फिर प्रेक्टिस सेट सॉल्व करें और उसके बाद देखें कि कितने questions सही है जो गलत हुए उनको फिर याद करो और जो सही है उनको भी दोबारा से याद करो क्यों कि कुछ क्वेश्चन एग्जामिनेशन हॉल हो या प्रेक्टिस सेट तुक्के से सही होते हैं इसलिए ही आपको पूरे प्रैक्टिस सेट को फिर से revise करना है। एक बात ध्यान रखना होगा कि आप regular practice set सॉल्व करें ऐसा ना करें कि 1या2 सेट ही आप सॉल्व करें आप प्रतिदिन 1 सेट सॉल्व करें। आप चाहें तो पुराने unsolved papers को भी प्रैक्टिस सेट की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं।यदि आप SSC CGL की तैयारी कर रहे हैं तो आप इसके जैसे मिलते जुलते EXAMS जैसे RBI,LIC, RAILWAY ETC के पुराने QUESTION PAPER SOLVED करे। वो भी PRACTICE SET का ही काम करेंगे।