दोस्तों जैसा कि आप सब जानते हैं कि हमारा blog आपको आपकी तैयारी के समय आने वाली समस्या का निदान करने के लिए बनाया गया है।इसमें हम students की मौलिक परेशानी को हल करने का प्रयत्न करते हैं।आज के समय में हमारे देश में लाखों की संख्या में युवा किसी ना किसी examination की तैयारी कर रहा है।चाहे वो UPSC,STATE CIVIL SERVICE EXAM हो या अन्य COMPETITIVE EXAM हों, ऐसे में एक STUDENT के जीवन में अनेक समस्याएं आती हैं।हर एक छात्र को सही मार्गदर्शन नहीं मिल पाता और वो जब COMPETITION की बारीकियों को समझ पाते हैं तब तक वो OVER AGE हो चुके होते हैं।इसलिए ही हमने इस ब्लॉग की शुरुआत की हैं।आपको ऐसे तो अनेक BLOG मिल जायेंगे जहां आपको भर भर के STUDY MATERIAL मिल जाएगा,परंतु हमारी वेबसाइट आपको STUDY MATERIAL उपलब्ध नहीं करवाता,अपितु आपको क्या पढ़ना है और क्या नहीं पढ़ना है।बहुत से छात्र ग्रामीण परिवेश के होते हैं उनको सही मार्गदर्शन का अभाव रहता है इसलिए ही हमने इस ब्लॉग की शुरुआत की हैंआज का हमारा विषय है।
विद्वान बनने की ना करें कोशिश
आप सब सोच रहे होंगे कि ये कैसा टॉपिक है।जितनी ज्यादा विद्वता होगी,आप उतनी ही जल्दी exam में सफल होंगे।किंतु आपका ये दृष्टिकोण गलत है।exam में सफल होनहोन और विद्वान बनना दोनो अलग अलग विषय है।अनेक बार कुछ students बिना किसी syllbus की जानकारी के ही competitive exam’s की तैयारी करने लगते हैं और इतने अधिक ज्ञानी हो जाते हैं कि वो नए students के बीच ज्ञानी पुरुष के रूप मे पहचाने जाने लगते हैं परंतु जब किसी competitive exam’s में सफल होने की बात होती हैं।तब वो सफल नहीं हो पाते हैं।और कोई नया छात्र जो अभी अभी तैयारी के मैदान में आया है उनसे पहले सफल हो जाता है और नौकरी पा जाता हैं।इसलिए ही हमने आज का टॉपिक रखा है विद्वान बनने की ना करें कोशिश “।
यदि हमको विद्वान बनना है तो उसके लिए हमारे पास पूरा जीवन है और हम अपने विद्वान बनने के अपने शौक को कभी भी पूरा कर सकते हैं और विद्वता प्राप्त कर सकते हैं किंतु जहां तक competitive exam’s की बात है तो हमको चरणबद्ध तरीके से तैयारी करनी चाहिए और जल्दी से जल्दी अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयत्न करना चाहिए।यदि आप upsc civil services examination ki तैयारी कर रहे हैं तो आप को सबसे पहले सिलेबस को पूरी तरह से आत्मसात कर लेना चाहिए।और syllbus को कई टुकड़ों मे विभाजित कर देना चाहिए।
क्योकि यदि हम स्य्ल्लबुस के नही पढगे हम विदान तो हो जाऐगे किेन्तु सफल नही हो पाएगा। upse की तैयारी के समय एसे अनेक उदारण मिल जाते है कि कुछ छा्त्रगण कुछ सीनियर छात्रों के बारे मे बताते है कि अमुक सर बहुत ही ज्ञानी है उनके कुछ पूछ लो वे सब कुछ जानते है किन्तु हते याद रखना हे कि हमे sullubs और कुछ के बीच के अंतंर को सझमना हें क्योकि कुछ का ज्ञान अनि्न करने के लिए पुरा जीवन है किन्तु हमारा हमेय मुख्य रूप से accortig to syllubs होना चाहिए कुछ छात्र तो ऐसा करते है कि वे किसी भी book को उठाने है और शुरू के पाठ से पढना शुरू करते है और lost दस पाठ तक पढने चले जाते है। जबकि प्रत्येक book को उठाने है और शुरू के हमरे syllubs acoording नही लिखी गयी है। ऐसे पूरी book को एक तरफ से पढ लेने से अपकी विद्ता तो बढ जाऐगी। किन्तु आपका syllubs पूरा नीर हो पाऐगा। ये सूत्र सभी exams ex – upsc‚‚ net‚ ssc‚lic book पो etc सभी पर लागू होतो है। अप जब भी किसी book को खरीदने है तो सबसे पहले आपको उसके इडियन डोपिक अपका syllubs के accordig मेन – मेन से चिनहित कर लेने है ओर उसके बाद अपनी ये तैयारी start करनी है। तब ही आप विदान बनेन से बचगे ओर अपने करियर गोल को जल्दी से जल्दी से प्राप्त कर पाएगेे। अन्याथा मेडली मे आप महाज्ञानी पुरूष का दर्जा तो प्राप्त करल किन्तु exam में सफल नही हो पाएगे । तब भी हम किसी दन्ड का कोई topic में तैयार करते है ऐसे मो हमेको में समझना होागा कि हम करे रहे है ओर ना ही हम upsce exam में तुरह नही अपिन्तु एक भाग की पढना चाहते है। उन्डक जब किसी जैसे से मे प्रश्न आता है तो वह की नजर से तैयार किया जाता है इसलिए लिए यदि कोई छात्र पढ रहा है तो उस ध्यान रखना चाहिि कि उस ही बुक्स का अंमबार नही लगा देता है बलकि सामन्य अध्ययनन के दृष्टिको्ण का ध्यान में रख्कर का पढना
l