प्रमुख कृषक विद्रोहनील आंदोलन (1859-60 ई.)
‘जब कालारोआ के मजिस्ट्रेट हेमचंद्राकर ने किसानों के पक्ष में अपना निर्णय दिया तो स्वाभाविक रूप से उन्हें प्रोत्साहन मिला और वे विद्रोह पर उतारू हो गये। बंगाल के काश्तकारों को यूरोपीय नील बागान मालिक नील की खेती के लिए मजबूर करते थे परंतु 1859 ई. में उत्पीड़ित किसानों ने अपने खेतों में नील न …